Mera Pani Meri Virasat | मेरा पानी, मेरी विरासत
मेरा पानी, मेरी विरासत" योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो जल संरक्षण और जल उपचय उद्दीपन के लिए बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य जल संसाधनों के सुरक्षित रखरखाव और उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि भविष्य की पीढ़ियों को भी पानी के अधिक उपयोग और जल संरक्षण का संस्कार प्राप्त हो सके

मेरा पानी, मेरी विरासत | Mera Pani Meri Virasat
“मेरा पानी, मेरी विरासत” योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो जल संरक्षण और जल उपचय उद्दीपन के लिए बनाई गई है। इस योजना का उद्देश्य जल संसाधनों के सुरक्षित रखरखाव और उपयोग को बढ़ावा देना है ताकि भविष्य की पीढ़ियों को भी पानी के अधिक उपयोग और जल संरक्षण का संस्कार प्राप्त हो सके।
इस योजना के तहत, विभिन्न जल संबंधी परियोजनाओं को समर्थन और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जिनमें जल संरक्षण, जल संचयन, जल संवर्धन, जल स्वच्छता, और जल संरक्षण संबंधी अन्य कदम शामिल होते हैं। इस योजना के माध्यम से समुदायों और अधिकारियों को जल संबंधी मुद्दों के लिए जागरूक किया जाता है और संबंधित प्रोजेक्ट्स को लागू करने के लिए सहायता भी प्रदान की जाती है।
यह योजना भारतीय संसद द्वारा अधिसूचित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य देश भर में जल संसाधनों के संरक्षण और उपयोग को सुनिश्चित करना है ताकि भविष्य में भी पीढ़ियों को पानी की उपयोगिता मिल सके।
पानी हमारे प्राकृतिक संसाधनों में से एक अत्यंत मूल्यवान धरोहर है जो हमें पृथ्वी पर जीवन का अवसर प्रदान करता है। यह सबके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होता है और हमारी विरासत के रूप में उसका संरक्षण और उपयोग करना हमारा कर्तव्य है। इस लेख में, हम पानी के महत्व को और उसकी विरासत के उद्देश्य
पानी हमारे जीवन के लिए अनमोल है, इसे बिना नहीं रह सकते। हमारे शरीर के भीतर जीवन चलाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है, और समाज के सभी गतिविधियों में भी पानी अभिवृद्धि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह वनस्पति, पशु, और मानव जीवन के लिए एक आवश्यकता है जो संपूर्ण विश्व के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।
पानी की विरासत रक्षा करने का एक उद्देश्य है वायु और जल संरक्षण के माध्यम से प्रदूषण को कम करना। विजली उत्पादन, औद्योगिक प्रक्रियाओं, और वाहनों से निकलने वाले वायु प्रदूषण के कारण जल के स्रोतों का प्रदूषण होता है जो पानी की गुणवत्ता को खराब करता है। इसलिए, हमें प्रदूषण नियंत्रण में सक्रिय रूप से सहयोग करने की आवश्यकता है ताकि हम पानी की विरासत को सुरक्षित रख सकें।
एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है जल संरक्षण और उपयोग में जागरूकता फैलाना। बच्चों और युवाओं को पानी के महत्व के बारे में शिक्षित करना आवश्यक है, ताकि उन्हें इसे बर्बाद करने से रोकने के लिए समझ और जागरूकता हो सके। इसके लिए स्कूलों में पानी के महत्व पर पाठयोजनाएं, संबर्धन शिविर, और जल संरक्षण संगठनों के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।
पानी की विरासत के लिए और एक उद्देश्य है सुदृढ़ संरचनाएँ बनाना और विकसित करना। जल संरचनाएं जल के संचय और उपयोग को समर्थन करने में मदद करती हैं। बांधों, जलाशयों, नहरों, और तालाबों का निर्माण करके, हम जल संचय कर सकते हैं और सुखजल प्रवाह को सुनिश्चित
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मेरा पानी, मेरी विरासत का लाभ
प्रकृति ने हमें जीवन देने के साथ-साथ अनगिनत धरोहरों की भी बहुमूल्य विरासत प्रदान की है। इनमें से जल एक महत्वपूर्ण धरोहर है जो सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है। यह हमारी विरासत में से एक बहुत ही मूल्यवान धरोहर है जो हमें सभी जीवों के साथी के रूप में दिया गया है। हमारे जीवन में जल का महत्व और इसके उपयोग के लाभों को समझने के लिए, हमें इसे अपनी विरासत के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
जल का महत्व:
पृथ्वी पर जल की मौजूदगी ही जीवन का आधार है। सभी जीवों के जीवन के लिए जल अनिवार्य है, चाहे वे मनुष्य हों या पौधे-पौधे। यह प्राकृतिक संसाधन हमारे शरीर के रस का महत्वपूर्ण संचार करने के लिए भी जिम्मेदार है, साथ ही कृषि और उद्योग में भी इसका उपयोग होता है। इसके बिना जीवन संभव नहीं है और हम इसे अन्य संसाधनों के रूप में नहीं देख सकते हैं।
जल के उपयोग:

प्राचीन काल से ही मानव समुदाय जल का उपयोग कर रहा है। जल को निर्माण, पौधों को सिंचाई, पशु-पक्षियों को प्यास बुझाने, स्नान, परिवहन, ऊर्जा उत्पादन, इत्यादि में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, जल को शुद्ध करने के तकनीकी उपकरण विकसित करके लोग जल को पीने और खाने के लिए उपयोग करते हैं। जल के बिना वनस्पतियों का विकास नहीं हो सकता, जिससे पर्यावरण का संतुलन खतरे में पड़ सकता है।
जल की संरक्षा:
विकास के साथ-साथ, मानव समुदाय ने जल के उपयोग में इतने अधिक प्रवेश किया है कि वे अब इसे एक नए नजरिए से देखने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। जल की बढ़ती हुई मांग, प्रदूषण, और विघटन ने इसके उपलब्धियों को खतरे में डाला है। हमें जल संरक्षण के लिए संबंधित विधियों का पालन करना और इसे सही तरीके से प्रबंधित करना होगा। जल संरक्षण के लिए बिगड़ती हुई नदियों और झीलों को संवारने, वर्षा का पानी सुचारू रूप से संचित करने,
Hariyana Mukhymantri जी ने जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना को लांच किया है।
मेरा पानी मेरी विरासत योजना के अंतर्गत किसानों को धान की खेती छोड़ने कोई परेशानी ना हो इसलिए राज्य सरकार ने आर्थिक सहायता देगी।
हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री जी ने इस योजना को लांच करते हुए कहा है कि डार्क जोन में शामिल क्षेत्रों में रहने वाले जो किसान धान की खेती छोड़ देंगे उन्हें सरकार द्वारा ₹7Hajar प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
Rajy Ke Kisan धान को छोड़कर अन्य वैकल्पिक फसलों जैसे मक्का अरहर मूंग कपास सब्जी आदि की खेती कर सकते हैं।
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने यह भी जानकारी दिया कि मेरा पानी मेरे विरासत योजना के प्रचार के लिए जल्दी वेबपोर्टल बनाया जाएगा जिस पर किसान अपनी समस्याओं का निदान पाने के लिए आवाज उठा सकेंगे।
हरियाणा राज्य के किसी दूसरे ब्लॉक में भी इच्छुक किसान धान की खेती छोड़ना चाहते हैं तो वह भी इस योजना के अंतर्गत अनुदान के लिए आवेदन कर पाएंगे।
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Mera Pani Meri Virasat योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन।

इस योजना के माध्यम से यदि किसान द्वारा खेती की जमीन को 50 परसेंट या फिर उससे अधिक हिस्सा पर धान की जगह मक्का कपास बाजरा दलहन सब्जियां आदि की फसल उगाई जाती है तो इस स्थिति में किसान को ₹7000 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
यह राशि प्राप्त करने के लिए किसान को पिछले वर्ष धान के क्षेत्रफल में 50 परसेंट या फिर 50 से अधिक प्रसन्न फसल विविधीकरण करना होगा।
यदि किसान द्वारा फसल विविधीकरण के लिए सिंचाई यंत्र खेत में लगाए जाते हैं तो इस स्थिति में किसान को कुल लागत का सिर्फ GST ही देना होगा।
यदि किसान द्वारा फसल विविधीकरण के अंतर्गत फसल का बीमा कराया जाता है तो किसान के हिस्से की राशि का भुगतान सरकार द्वारा की जाएगी।
Mera Pani Meri Virasat Yojana के लिए पात्रता।
अगर आप में से कोई Mera Pani Meri Virasat YojanaOnline आवेदन करना चाहता है तो उसके लिए आपको योजना की पात्रता ओं को पूरा करना होगा।
किसानों को अपने पिछले साल की खेती वाले धान में कम से कम 50% हिस्से की विविधता लानी होगी।
किसान हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए।
वह भी किसान जो 50 एचपी इलेक्ट्रॉनिक मोटर के साथ अपने ट्यूबवेल का संचालन कर रहा हो उन्हें धान उगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
किसानों के पास अपना आधार नंबर और आधार से जुड़ा हुआ एक सक्रिय बैंक खाता होना चाहिए।
मेरा पानी मेरी विरासत योजना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन

मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए किसान को सबसे पहले उनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
Fasal.haryana.gov.in
इसके बाद आपके सामने एक न्यू पेज ओपन होगा जिसमें आपको नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करना है।
इसके बाद ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान पंजीकरण फॉर्म खोलकर आएगा इसमें पूछी गई सभी जानकारी आपको सही-सही भरना है इसके बाद आपको सेव एंड नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपके सामने भूमि रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए एक नया फॉर खुलकर आएगा जिसमें आपको भूमि विवरण दर्ज करना है और सेव एंड नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको फसल का विवरण दर्ज करना है और समिति के बटन पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपके फसल की जांच की जाएगी और अधिकारी द्वारा जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभार्थी के खाते में ₹7000 प्रति एकड़ की दर से पैसा जमा करा दिया जाएगा।