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Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana 2023 | झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना क्या है

Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना झारखण्ड सरकार द्वारा गरीब परिवारों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए शुरू की गई एक योजना है

Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana 2023 | झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना क्या है

 

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Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना झारखण्ड सरकार द्वारा गरीब परिवारों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इस योजना के तहत, राज्य के सभी पात्र बीपीएल परिवारों को साल में दो बार, प्रत्येक धोती या साड़ी के लिए केवल 10 रुपये में उपलब्ध कराई जाती है।

इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब परिवारों को कपड़ों की खरीद के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना से गरीब परिवारों को कपड़ों के लिए धन की बचत होगी और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलेगी।

इस योजना के लाभार्थी राज्य के सभी पात्र बीपीएल परिवार हैं। बीपीएल परिवारों की पहचान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत की जाती है।

इस योजना के तहत, लाभार्थियों को धोती या साड़ी जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों से खरीदनी होगी। PDS दुकानदार लाभार्थियों से केवल 10 रुपये प्रति धोती या साड़ी चार्ज करेंगे। शेष राशि सरकार द्वारा PDS दुकानदारों को वापस कर दी जाएगी।

इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस योजना से राज्य के लगभग 58 लाख बीपीएल परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

इस योजना की शुरुआत 2022 में हुई थी। इस योजना को शुरू करने के बाद, झारखण्ड सरकार ने इस योजना का विस्तार किया है। अब इस योजना के तहत, लाभार्थियों को लुंगी भी उपलब्ध कराई जाएगी।

Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana
Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana

 

झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना का उद्देश्य

 

Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana  गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को कपड़े की आवश्यकता को पूरा करना: यह योजना गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को कपड़े की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करती है। इससे इन परिवारों के सदस्यों का आत्म-सम्मान बढ़ता है और वे समाज में अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देना: यह योजना राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देती है। इससे कपड़ा उद्योग को बढ़ावा मिलता है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

राज्य के सामाजिक समावेश को बढ़ावा देना: यह योजना राज्य के सामाजिक समावेश को बढ़ावा देती है। इससे सभी वर्गों के लोग समान रूप से लाभान्वित होते हैं।

राज्य के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देना: यह योजना राज्य के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देती है। इससे राज्य में कपड़ा उत्पादन बढ़ता है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।

राज्य के लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना: यह योजना राज्य के लोगों के जीवन स्तर में सुधार करती है। इससे लोगों को स्वच्छ और सुंदर कपड़े पहनने का अवसर मिलता है।

राज्य के सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना: यह योजना राज्य के सामाजिक न्याय को बढ़ावा देती है। इससे गरीब परिवारों को समान रूप से लाभ मिलता है।

 

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झारखण्ड सोना सोबरन धोती साडी योजना का लाभ

 

Jharkhand Sona Sobran Dhoti Sari Yojana  गरीबी में रहने वाले लोगों को सस्ती दर पर वस्त्र उपलब्ध कराना। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को साल में दो बार 10 रुपये में एक साड़ी, धोती या लूंगी उपलब्ध कराई जाती है। इससे गरीब लोगों को अपने लिए वस्त्र खरीदने में होने वाला आर्थिक बोझ कम होता है।

आत्म-सम्मान को बढ़ावा देना। नए और साफ-सुथरे वस्त्र पहनने से लोगों का आत्म-सम्मान बढ़ता है। यह योजना गरीब लोगों के आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने में मदद करती है।

सामाजिक समावेश को बढ़ावा देना। वस्त्र पहनना एक सामाजिक मुद्दा है। इस योजना के माध्यम से, गरीब लोगों को भी अच्छे वस्त्र पहनने का मौका मिलता है। इससे सामाजिक समावेश को बढ़ावा मिलता है।

वाणिज्य को बढ़ावा देना। इस योजना के तहत वस्त्र की खरीदारी जनवितरण प्रणाली दुकानों से की जाती है। इससे जनवितरण प्रणाली दुकानों को लाभ होता है और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है।

सरकारी खर्च को कम करना। इस योजना के तहत, सरकार द्वारा वस्त्र पर सब्सिडी दी जाती है। इससे सरकारी खर्च कम होता है।

बेरोजगारी को कम करना। इस योजना के तहत, वस्त्र की खरीदारी के लिए जनश्रम सेवकों को लगाया जाता है। इससे बेरोजगारी को कम करने में मदद मिलती है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना। इस योजना के तहत, वस्त्र का उत्पादन स्थानीय इकाइयों द्वारा किया जाता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना। इस योजना के तहत, वस्त्र की खरीदारी से पहले पुराने वस्त्र का दान करने की अपील की जाती है। इससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान मिलता है।

सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना। इस योजना के तहत, स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित वस्त्र का उपयोग किया जाता है। इससे स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में मदद मिलती है।

सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को बढ़ावा देना। इस योजना के माध्यम से, सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों को बढ़ावा मिलता है।

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