छत्तीशगढ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना 2023 | Chhattisgarh Mukhyamantri Suposhan Yojana 2023
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना एक सरकारी योजना है जो भारतीय राज्यों में आम जनता के लिए स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सुधार करने का लक्ष्य रखती है

छत्तीशगढ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना 2023 |
Chhattisgarh Mukhyamantri Suposhan Yojana 2023
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना एक सरकारी योजना है जो भारतीय राज्यों में आम जनता के लिए स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सुधार करने का लक्ष्य रखती है। यह योजना बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान केंद्रित करती है। यह योजना आहार, पोषण, जैविक खेती और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहलों का समर्थन करती है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का उद्घाटन राज्य सरकारों के द्वारा किया जाता है और इसका लाभ राज्य के न्यूनतम आयु सीमा के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलता है। यह योजना स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो बच्चों और माताओं के भविष्य को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए हमारी समाज में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना एक भारतीय सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य पोषण के क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों को सही आहार और पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना मुख्य रूप से गरीब परिवारों के बच्चों के लिए है जो प्राथमिक शिक्षा आधार पर आय प्रमाण-पत्र (Income Certificate) के माध्यम से चुने जाते हैं।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत, पात्र बच्चों को नि:शुल्क आहार उपलब्ध कराया जाता है जिसमें पोषणपूर्ण भोजन, विटामिन और प्रोटीन युक्त आहार शामिल होता है। इसके अलावा, बच्चों को स्वास्थ्य चेकअप, नियमित वैक्सीनेशन और पोषण संबंधी सलाह दी जाती है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के माध्यम से सरकार इसका प्रचार और पोषण संबंधी जागरूकता भी बढ़ाती है ताकि लोगों को बच्चों के सही पोषण की महत्ता का ज्ञान हो सके।
यह योजना भारत के विभिन्न राज्यों में मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई है और राज्य सरकार इसे अपने संबंधित विभागों के माध्यम से संचालित करती है। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों के Vikash और Health को सुनिश्चित करने का प्रयास है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना (Mukhyamantri Suposhan Yojana) एक पहल है जो किसी विशेष राज्य या प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई है। यह योजना गरीब परिवारों के बच्चों के पोषण को सुनिश्चित करने के लिए उद्योग, सरकारी संगठन और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से चलाई जाती है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

गर्भवती महिलाओं को आहार और पोषण से संबंधित संज्ञान और संसाधन प्रदान करना।
शिशुओं और बालिकाओं के पोषण स्तर को बढ़ाना और गर्भावस्था से लेकर 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों की सेहत सुनिश्चित करना।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के माध्यम से उचित आहार सुरक्षा सुनिश्चित करना।
दुर्गाम और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए क्षेत्रों में पोषण कार्यक्रमों की पहुंच बढ़ाना।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत कई उपाय हैं जैसे कि गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त आहार, शिशुओं के लिए सुपोषण भोजन,
वृद्ध और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए संगठन केंद्र, बालगृहों का निर्माण, पोषण संचालन केंद्रों की स्थापना, आहार और
पोषण संबंधित जागरूकता कार्यक्रम, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए समर्थन, और अन्य पोषण संबंधित पहलों का संचालन।
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मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के लाभ कुछ निम्नलिखित हैं:

पोषण संबंधी सेवाओं की पहुंच: इस योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को पोषण संबंधी सेवाओं जैसे कि प्राथमिक रोग परीक्षण, पोषण सलाहकार की सलाह, आहार सप्लीमेंट्स और वैक्सीनेशन उपलब्ध कराया जाता है।
स्वास्थ्य सुरक्षा: इस योजना का मुख्य लक्ष्य गरीब परिवारों के बच्चों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है। उन्हें पोषण संबंधी सेवाओं तक पहुंचने में सहायता मिलती है जो उनके विकास और व्यापक ग्रोथ को सुनिश्चित करती है।
समर्पित संगठनों का सहयोग: योजना के अंतर्गत स्थानीय उद्योग, सरकारी संगठन और गैर सरकारी संगठनों को समर्पित होने का अवसर मिलता है। इन संगठनों का सहयोग भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद करता है और गरीब परिवारों के बच्चों के पोषण के लिए सामग्री और सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाता है।
परिवारों को आर्थिक सहायता: मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। इससे परिवारों को बच्चों के आहार और पोषण की खर्च पर भारी बोझ नहीं आता है और उन्हें सही पोषण प्रदान करने के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने में सहायता मिलती है।
यहाँ योजना के अन्य लाभ भी हो सकते हैं, लेकिन इन लाभों को अधिकारिक जानकारी के लिए संबंधित राज्य या प्रदेश की सरकारी वेबसाइट या आधिकारिक संदर्भ से सत्यापित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना कब लागू हुआ।

Chhatishgrh Rajy में 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं में व्याप्त एनेमिया एक चुनौती है जिससे जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में NFHS-4 सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 05 वर्ष से लगभग 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषण एवं 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग की 47% Mahila Aenimiya से पीड़ित हैं।
वर्तमान में योजना का मुख्य उद्देश्य 6 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण एवं एनीमिया गर्भवती महिलाओं तथा 15 से 49 वर्ष वर्ग की महिलाओं को एनेमिया से मुक्त कराना है Mukhyamantri Suposhan Yojan के रूप में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत बच्चों और महिलाओं को लोकल पौष्टिक भोजन और पूरा पका हुआ खाना दिया जा रहा है इसके साथ ही चिन्हित अभ्यार्थी को पूरा पौष्टिक आहार भी आंगनवाड़ी केंद्र के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है एनीमिया से ग्रसित लोगों को आयरन फोलिक एसिड की गोली भी दी जा रही है