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छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना | Chhattisgarh Mukhyamantri Sarvahomik PDS Yojana

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को विशेष पहचान पत्र (बीपीएल कार्ड) द्वारा पहचानित किया जाता है और उन्हें सस्ते दाम पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना

Chhattisgarh Mukhyamantri Sarvahomik PDS Yojana

 

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छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना : छत्तीसगढ़ राज्य में चलाई जाने वाली एक सरकारी योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और अधिकारहीन लोगों को सस्ते और गुणवत्ता वाले खाद्यान्न की व्यवस्था करना है। इस योजना के तहत, पात्र परिवारों को राशन कार्ड जारी किए जाते हैं और वे प्रतिमाह न्यूनतम मूल्य पर खाद्यान्न खरीद सकते हैं।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को विशेष पहचान पत्र (बीपीएल कार्ड) द्वारा पहचानित किया जाता है और उन्हें सस्ते दाम पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। यह योजना खाद्यान्न, राशन के अलावा अन्य प्रकार के आवश्यक वस्त्र, आवास, विद्युत, स्वास्थ्य सुरक्षा, शिक्षा आदि की सुविधाएं भी प्रदान करती है।

इस योजना के तहत, राज्य सरकार सभी विभागों, स्थानीय निकायों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से गरीब परिवारों को संबंधित लाभ प्रदान करती है। यह योजना छत्तीसगढ़ राज्य के गरीब और असहाय लोगों की मदद करने का प्रयास है और उन्हें आवश्यक आहारिक सुरक्षा प्रदान करने का एक प्रमुख कदम है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना का उद्देश्य है गरीब लोगों को सस्ती दरों पर आवश्यक खाद्यान्न, वस्त्र और औषधियों की आपूर्ति सुनिश्चित करना। इस योजना के माध्यम से, सरकार गरीब परिवारों को पीडीएस कार्ड द्वारा योग्यता प्राप्त कराती है और उन्हें सब्सिडीयों के माध्यम से महंगाई के उचित स्तर पर सामग्री प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब और माध्यम वर्ग के लोगों की आर्थिक सुरक्षा मजबूत करना है और उन्हें मानवाधिकार के मूल्यों के साथ डिग्नित जीवन जीने में मदद करना है।

छत्तीशगढ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना 2023

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना से लाभ

 

छत्तीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास और गरीबी मुक्ति के लिए विभिन्न कदम उठाए जाते रहे हैं। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में गरीब और मजदूर परिवारों की मदद के लिए कई सरकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से एक है “मुख्यमंत्री सर्वहोमिक पीडीएस योजना”। इस लेख में, हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह कैसे छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों को लाभ पहुंचा रही है।

 

मुख्यमंत्री सार्वभोमिक पीडीएस योजना” एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य के गरीब परिवारों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न पहुंचाना है। इस योजना के तहत, न्यूनतम बाजार दर से कम दाम में चीनी, गेहूं, दाल, तेल, और अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाते हैं। इसका उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा 2018 में किया गया था।

इस योजना के अंतर्गत, छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों को “राशन कार्ड” प्रदान किया जाता है, जिसे वे सरकारी दुकानों (फेयर प्राइस शॉप्स) से खाद्य पदार्थों की खरीद के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह योजना छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लागू है और उसे वार्षिक आयोजना के रूप में चलाया जाता है।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य गरीब परिवारों को सस्ते और गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न प्रदान करना है। यह राज्य सरकार के द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि इस योजना के तहत विभिन्न आवश्यक खाद्य पदार्थों की उचित गुणवत्ता होती है। इसके अलावा, इस योजना में राशन कार्डधारियों को एक निश्चित मासिक खाद्यान्न भत्ता भी प्रदान किया जाता है। इससे छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार खाद्यान्न के दामों में काफी बचत कर सकते हैं।

यह योजना छत्तीसगढ़ राज्य में गरीबी और मजदूरी के लिए एक बड़ी सहायता साबित हो रही है। इसके माध्यम

इस योजना के तहत एक सदस्य परिवार को 10 किलो 2 सदस्य परिवार को 20 किलो 3 से 5 सदस्य परिवार को 35 किलो तथा 5 से अधिक सदस्य परिवार को 7 किलो प्रतिमा चावल प्रदान किया जाता है। इसके साथ-साथ चना व आयोडीन नमक के वितरण के साथ गरीब शहरी क्षेत्र में मिट्टी तेल भी दिया जाता है।

चना वितरण : राजकीय अनुसूचित और माला क्षेत्र के 2500000 अंत्योदय एवं प्राथमिक परिवार के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए ₹5 प्रति किलो की दर से 2 किलो चना वितरण किया जाता है।

 

गुड़ वितरण: बस्तर संभाग में सभी जिले के अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशन कार्ड में शामिल सदस्यों को एनीमिया से बचने के उद्देश्य गुण वितरण किया जाता है ऐसे परिवार को प्रतिमाह 2 किलो गुड़ का वितरण किया जाता है इन परिवारों को ₹17 प्रति किलो की दर से गुणगान किया जाता है।

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